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Sunday, March 20, 2016

Raat Kali Ek Khwab Mein Aayi Hindi Lyrics - रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई

Movie/Album: बुद्धा मिल गया (1971)
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार



रात कली एक ख्वाब में आई और गले का हार हुई 
सुबह को जब हम नींद से जागे, आँख तुम ही से चार हुई

चाहे कहो इसे मेरी मोहब्बत, चाहे हँसी में उड़ा दो
ये क्या हुआ मुझे मुझको खबर नहीं, हो सके तुम ही बता दो
तुम ने कदम तो रखा जमीन पर, सीने में क्यों झंकार हुई

आँखों में काजल और लटों में काली घटा का बसेरा
सावली सूरत मोहनी मूरत, सावन रुत का सवेरा
जब से ये मुखड़ा दिल में खिला है, दुनिया मेरी गुलज़ार हुई

यूँ तो हसीनों के, माहजबीनों के होते हैं रोज नज़ारे
पर उन्हें देख के देखा है जब तुम्हें, तुम लगे और भी प्यारे
बाहों में ले लूँ ऐसी तमन्ना, एक नहीं कई बार हुई


 







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