फैली हुई है सपनो की बाहे, आजा चल दे कही दूर,
वही मेरी मंजिल वही तेरी राहे, आजा चल दे कही दूर..
ऊचे घात के संग टेल छिप जाए
धुंधली फिजा मे कुछ खोये खुछ पाए, ओह ऊचे घात के
ऊचे घात के संग टेल छिप जाए
धुंधली फिजा मे कुछ खोये कुछ पाए
धड़कन की ले पर कोई ऐसी धुन गाये
देदे जो दिलको दिलकी पनाहे आजा चल दे कही दूर
फैली हुई है सपनो की बाहे, आजा चल दे कही दूर
झूला ढलकता घीरे घीरे हम झूमे
अम्बर तो क्या है तारो की भी लैब छूले, झूला ढलकता
झूला ढलकता घीरे घीरे हम झूमे
अम्बर तो क्या है तारो की भी लैब छूले
मस्ती मै झूले और साभी ग़म भूले
पीछे न पीचे मुडके निगाहे आजा चल दे कही दूर
फैली हुई है सपनो की बाहे, आजा चल दे कही दूर
वही मेरी मंजिल वही तेरी राहे, आजा चल दे कही दूर
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